से निरर्थक शब्दजाल और कूड़ा करकट के साथ हटा दिया है और साफ कह दिया है कि
2.
सच मानिये, मेरी यह चिंता रहती है कि आप के कीमती समय का एक भी अंश निरर्थक शब्दजाल में नष्ट न हो, इसीलिए कोशिश रहती है कि अपनी चुनी हुई कवितायें धीरे-धीरे आप के सामने लाता रहूँ तथा आप के साथ मेरी संवेदनात्मक साझेदारी बनी रहे।
3.
सच मानिये, मेरी यह चिंता रहती है कि आप के कीमती समय का एक भी अंश निरर्थक शब्दजाल में नष्ट न हो, इसीलिए कोशिश रहती है कि अपनी चुनी हुई कवितायें धीरे-धीरे आप के सामने लाता रहूँ तथा आप के साथ मेरी संवेदनात्मक साझेदारी बनी रहे।